सभापति
जी, रुढ़िवादिता का सामना करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए
भागीदारी तथा जनसंख्या संबंधी शिक्षा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
कार्यक्रमों को प्रश्रय देने के लिए लोगों की चेतना में परिवर्तन लाने के लिए
शिक्षित युवा पीढ़ी का उपयोग। यह कतिपय
उदाहरण ही हैं लेकिन इनके अंतर्गत आने
वाली गतिविधियाँ वास्तव में बहुत व्यापक हैं।
साधनों के अभाव के कारण नि:संदेह अनेक कठिनाइयाँ हैं। समूची राष्ट्रीय नीतियों के ढाँचे में इन
अवरोधों को यथासंभव दूर करना हमारा लक्ष्य रहा है। शिक्षा इस दृष्टि से अभी हमारे लिए सर्वाधिक
महत्वपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है। शैक्षिक संस्थाओं की आवश्यकताओं की ओर हमें ध्यान
देना होगा क्योंकि शिक्षा में निवेश ही देश के विकास से अभिन्न रूप से जुड़े
मानव संसाधन विकास का आधार है।
राष्ट्रीय
साक्षराता मिशन के अंतर्गत पूरे देश में निरक्षरता उल्मूलन के लिए एक विशाल
कार्यक्रम शुरू हो चुका है। जिन जिलों में
मिशन अपने कार्यक्रम चला रहा है, वहाँ पर विश्वविद्यालय अपने
युवाओं की शक्ति को इस ओर लगा सकते हैं।
युवा क्रियाकलापों को इस क्षेत्र में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू जन समूह को
आधारभूत साक्षरता की शिक्षा देने वाले ज्ञान केंद्रों में सम्मिलित होने के लिए
उत्साहित करने हेतु उपयुक्त वातावरण का निर्माण होना चाहिए। वातावरण के निर्माण का मतलब है कि एक ऐसी संस्कृति
का विकास जिसमें लोगों में लिखना-पढ़ना-सीखने की लालसा उत्पन्न हो तकि वे
साक्षरता प्राप्त करने वालों की पहली सीढ़ी में शामिल हों। वातावरण निर्माण के काम के अतिरिक्त ज्ञान
देना, विभिन्न
श्रेणियों के प्रशिक्षकों, मुख्य दिशा देने वाले व्यक्तियों,
कुशल प्रशिक्षकों और स्वयंसेवी शिक्षकों की माँग भी बढ़ती जा रही है। विश्वविद्यालय के छात्र समुदाय की इस प्रकार
के कामों और अधिक भागीदारी पर कुछ व्यय भी नहीं होना और इस प्रकार साक्षरता
अभियान को सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने वालों से कहीं अधिक अच्छे शिक्षित व्यक्ति
उपलब्ध होंगे।
विश्वविद्यालय के छात्र इस प्रकार जो स्वेच्छा
से सेवा करेंगे इसकी गुण्वत्ता उससे कहीं अच्छी होगी जो कि वेतन पर काम कर रहे
अपेक्षाकृत कम शिक्षित लोगों से मिलेगा।
इन्हीं कारणों से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि युवा पीढ़ी को और अधिक
आभास इस बात का हो कि राष्ट्रीय साक्षरता
अभियान में उनकी सेवाओं की कितनी भारी आवश्यकता है देश में व्यापक रूप से
चारों ओर फैली अज्ञानता में विश्वविद्यालय ज्ञान-सेतु की भूमिका निबाहते हैं।
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