आदरणीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माँग करना चाहता हूँ कि जो
झुग्गी—झोपड़ियाँ हैं और गरीबों के मुहल्ले हैं,
जहाँ पर विद्यालय नहीं हैं, वहाँ छोटे स्तर पर या तो
विद्यालय खोले जाएँ या कम फीस पर बच्चों की पढ़ाई हो सके, ऐसी कोई व्यवस्था कर दी
जानी चाहिए। इसके साथ ही अंत में मैं एक
और माँग करना चाहता हूँ कि हमारा भारतवर्ष गरीबों का देश है। यहाँ गरीबी रेखा के नीचे चालीस प्रतिशत लोग रहते
हैं। यहाँ पर शहरी राज्य विकास मंत्री भी
बैठे हैं, मैं उनका ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करना चाहूँगा कि पूरे देश
के ग्रामीण क्षेत्रों में जो गरीब लोग रहते हैं,
उनके लिए इंदिरा आवास योजना पहले
से चल रही है जिसके अंतर्गत 20,000 रुपये देकर पक्का मकान आर.सी.सी. बनाकर दिया जा रहा है
लेकिन शहरों में यह सुविधा नहीं है, दिल्ली में भी नहीं है। दिल्ली में भी हजारों लाखों की संख्या में ऐसे
लोग रहते हैं जो मकान मालिक से अनुमति लेकर जीने में अपनी जिंदगी गुजर-बसर करने पर
मजबूर हैं। हम आपके माध्यम से अनुरोध
करना चाहते हैं कि जिस प्रकार से गाँवों में रहने वाले लोगों के लिए इंदिरा आवास योजना
के तहत गरीबों के लिए 20,000 रुपये देकर आर.सी.सी. बनाने की व्यवस्था की गई है, उसी प्रकार से दिल्ली से
लेकर छोटे और बड़े सभी शहरों में जो नगरपालिका क्षेत्र में आता है, नगर पंचायत में आता है, नगर निगम में आता है और महानगर
परिषद में आता है, उन सभी शहरों में इंदिरा आवास योजना के आधार पर बिल्कुल गरीब
तथा भूमिहीन लोग जिनके पास कोई आसरा नहीं है उनके लिए आवास योजनाएँ सरकारी खर्च पर
चालाई जानी चाहिए। मैं अनुरोध करता हूँ छह
दिसंबर को देश में बाबा साहेब अम्बेडकर पुनर्निर्माण दिवस मनाया गया है कि सरकार
उनके नाम पर योजना लाए। पूरे देश में गरीब
लोग रहते हैं, मैं चाहता हूँ कि अम्बेडकर आवास योजना के नाम पर योजना संचालित
की जाए। यह हम आपके माध्यम से सरकार से
माँग करते हैं। दिल्ली में जो स्थायी
निवासी रहते हैं, जो किसान रह रहे हैं, जिनके खेत ले लिए गए हैं और यहाँ पर डी.डी.ए. से
लेकर सी.पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा जो व्यवस्था की गई है,
उनकी ओर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए। पिछली सरकार ने किराया कानून पास किया।
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