महोदय, मुझे खेल-प्रेमी नगर कोलकाता में नेताजी सुभाष राष्ट्रीय
खेल संस्थान के पूर्वी केंद्र के उद्घाटन समारोह के अवसर पर आप लोगों के बीच आकर
बड़ी प्रसन्नता हुई है। यह केंद्र देश
में और विशेष रूप से देश के पूर्वी भाग में खेलकूद को बढ़ावा देने का कार्य करेगा। कितनी अच्छी बात है कि हमारे सम्मानित प्यारे
नेता स्वर्गीय नेताजी सुभाष के नाम पर इस संस्थान की स्थापना की गई है, और उनके जन्म दिन 23 जनवरी
को ही इस केंद्र का उद्घाटन किया जा रहा है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपना सारा जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए
समर्पित कर दिया था। त्याग और बलिदान की
उनकी भावना से हम सबको और विशेष रूप से नौजवान पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। नेताजी ने एक ऐसे मजबूत, संगठित और स्वतंत्र भारत
का स्वप्न देखा था, जिसके लोग शारीरिक और दिमागी तौर पर तंदुरुस्त हों। मुझे शक नहीं कि नेताजी सुभाष खेल संस्थान इस
स्वप्न को पूरा करने का कार्य करेगा।
नेताजी सुभाष राष्ट्रीय
खेल संस्थान की स्थापना 1961 में पटियाला में हुई थी, जिसका पिछले 32 वर्षों में
काफी विकास हुआ है। संस्थान ने अब तक पंद्रह
हजार से अधिक कोच तैयार किए हैं और देश के राष्ट्रीय खेल संघों के खिलाड़ियों को
प्रशिक्षण देने में भी सहायता की है।
खेलों के मामले में देश के दक्षिणी प्रदेशों की विशेष आवश्यकताओं को पूरा
करने के लिए कुछ वर्ष पूर्व इसी दिन बंगलौर में इसके दक्षिणी केंद्र का उद्घाटन
किया गया था। मुझे पूरी आशा है कि कोलकाता
में पूर्वी केंद्र की स्थापना से खेलों के क्षेत्र में संस्थान राष्ट्र के लिए
उपयोगी सेवा कर सकेगा। कुछ वर्ष पूर्व में, हमने नई दिल्ली में नौवें
एशियाई खेलों का आयोजन किया था। ये खेल
काफी कामयाब रहे। सारा राष्ट्र उन लोगों
की सराहना करता है, जिन्होंने इन खेलों के आयोजन के लिए काम किया था। नेताजी सुभाष राष्ट्रीय संस्थान ने भी
अंतर्राष्ट्रीय महत्व के इस काम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इन खेलों में हमारी
टीमों और खेल प्रतियोगियों ने पहले से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। हमारे खिलाड़ियों ने इन खेलों में 57 मैडल जीते
जब कि 1978 में बैंकाक में हुए पिछले एशियाई खेलों में उन्हें 28 मैडल ही मिले
थे। इस के लिए खेल-विभाग, नेताजी सुभाष राष्ट्रीय
खेल संस्थान, राष्ट्रीय खेल संघ तथा भारतीय ओलम्पिक संघ बधाई के पात्र हैं।
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